An Unbiased View of टीवी सीरियल अपडेट
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उन्हें आनंद जी का एक आम आदमी को थप्पड़ मारना अच्छा नहीं लगा.
जो दोस्त कठिनाई में साथ देता है वही सच्चा दोस्त होता है।
रास्ते में उन्हें एक नाला पार करना था। एक दिन गधा अचानक धारा में गिर गया और नमक की थैली भी पानी में गिर गई। नमक पानी में घुल गया और इसलिए बैग ले जाने के लिए बहुत हल्का हो गया। गधा खुश था।
"हाँ, मैं प्रधानमंत्री हूँ', शास्त्रीजी ने बड़ी शांति से जवाब दिया- 'पर इसका अर्थ यह तो नहीं कि जो चीजें मैं खरीद नहीं सकता, वह भेंट में लेकर अपनी पत्नी को पहनाऊँ। भाई, मैं प्रधानमंत्री हूँ पर हूँ तो गरीब ही। आप मुझे सस्ते दाम की साड़ियां ही दिखलाएँ। मैं तो अपनी हैसियत की साड़ियाँ ही खरीदना चाहता हूँ।"
जब गाँधी को इस बात का पता चला तो उन्हें आनंद जी की यह बात बहुत बुरी लगी.
हमें गाँधी जी के इस प्रसंग से यह सीख अवश्य लेनी चाहिए की हम कभी भी किसी के साथ छूआछूत नहीं करेंगे. ऐसा करने पर हम किसी व्यक्ति का नहीं बल्कि मानवता का दिल दुखाते है जो बिलकुल भी उचित नहीं.
तेनाली और सुलतान आदिलशाह – तेनालीराम की कहानी
मै तो भोजन करके ही जाऊंगा वैसे भी सारा दिन पड़ा है धन लाने के लिए अभी जल्दबाजी भी क्या है। बेचारी स्त्री क्या करती दौड़ी-दौड़ी गयी और बनिए से उधार में सामान लेकर आयी। जल्दी से खाना बनायीं और पति को खिलाई फिर राजमहल जाने के लिए तुरंत आग्रह करने लगी।
'क्यों साहब? हमें यह अधिकार है कि हम अपने प्रधानमंत्री को भेंट दें', मिल मालिक अधिकार जताता हुआ कहने लगा।
चाँद में दाग और दीपक के नीचे अँधेरा प्रेरक प्रसंग – ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक हिंदी कहानी
गिलहरी की इस शिक्षा के बाद बुद्ध को मिला था आत्मज्ञान
अंडा नाजुक था, पतली बाहरी खोल के साथ अपने तरल इंटीरियर की रक्षा जब तक यह उबलते पानी here में नहीं डाला गया था। फिर अंडे के अंदर का हिस्सा सख्त हो गया।
लेकिन पिता ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. वह बैठ गये और उनके आँखों से आंसू आ गये.
बड़ा आदमी बनने की सीख प्रेरक प्रसंग – ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक हिंदी कहानी